प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है?

PM Kisan Samman Nidhi Yojana किसानों के लिए भारत सरकार की ओर से चलाया गया एक प्रकार का योजना है।
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       जिसके अंतर्गत भारत के लगभग 12 करोड़ छोटे किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इन किसानों के पास लगभग 2 हेक्टेयर (4.5 एकड़) से कम भूमि होने चाहिए. 
     इसके अंतर्गत ही इन किसानों को इस योजना का लाभ मिल पाएगा। इससे ज्यादा भूमि होने पर व किसान इस योजना से  वंचित हो जाएंगे अर्थात इस योजना के पात्र नहीं होंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों को सलाह ना ₹6000 देने का प्रावधान है। जिससे यह राशि किसान कृषि के कार्य में प्रयोग कर सकते हैं। या पैसा किसान के सीधे बैंक खाता में दिया जाएगा, यह पैसा किसानों के बैंक खाते में आधार के माध्यम से भारत सरकार के द्वारा दिया जा रहा है। या धनराशि किसानों के खाते में तीन या चार किस्तों में दिया जाएगा। यह धनराशि रुपया 2000 प्रति किस्त किसान के बैंक अकाउंट में सीधा भेजा जा रहा है।
       पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लगभग प्रतिवर्ष भारत सरकार द्वारा 75000 करोड़ रुपए, भारत के किसानों के बैंक खाते में भेजा जा रहा है।


इस योजना का शुभारंभ दिसंबर 2018 में शुरू किया गया। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष ₹6000 प्रति किसान को तीन किस्तों में भुगतान किया जा रहा है।

इस योजना की शुरुआत 2018 के रवी फसल सीजन में किया गया था।

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इस योजना का उद्देश्य गरीब छोटे किसानों को बुवाई बीज खाद और अन्य नकदी के संकट से झूलने वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। इन छोटे किसानों में ज्यादातर गरीब व सीमांत क्षेत्र के किसान हैं जिनका खेती से परिवार के पालन पोषण करना मुश्किल होता है उनके लिए इस योजना का लाभ अत्यंत लाभकारी है।

"इस योजना का लाभ केवल वही किसान ले सकते हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम खेती की जमीन/ रकबा वाले किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा"

"इस योजना का लाभ देने के लिए राज्य सरकार के माध्यम से किसान का जोत / खतौनी वह उनके बैंक खाता के साथ आधार कार्ड की प्रतिलिपि का व्यवरा राज्य सरकार,  केंद्र सरकार को मुहैया कराएगी। उन किसानों की जानकारी की पुष्टि के बाद केंद्र सरकार द्वारा किसानों के बैंक खाता में पहली किस्त 2000₹ सीधे जमा किया जाएगा।"






इस योजना की सफलता में डिजिटल प्रणाली की अहम भूमिका साबित हो रही है।